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किचन गार्डन में उमेद सिंह ने उगाई 7 किलो की गोभी

किचन गार्डन
Written by Vijay Gaderi

आज भाग दौड़ भरी जिंदगी में बिना किसी केमिकल या पेस्टीसाइज प्रयोग किए हुई सब्जियां तो हर कोई खाना चाहता है लेकिन उन्हें उगाने और उनमें लगने वाली मेहतन हर करना हर किसी के लिए मुमकिन नहीं है लेकिन कुछ लोग ऐसे हैं जिन्हें अपने व्यस्त शैड्यूल में से समय निकालकर वो घर की छत पर ही मौसम के अनुसार सब्जियां उगा रहे हैं। ऐसी ही कहानी है भिवानी के रहने वाले उमेद सिंह की जिन्होंने छत पर खेती (किचन गार्डन) कर 7 किलो वजनी गोभी, 720 ग्राम का जम्बों टमाटर सहित अन्य सब्जियां उगा रहे हैं। क्षेत्र में इनकी खेती करने की विधि लोगों को खूब भा रही है और क्षेत्र में चर्चा बनी हुई है।

किचन गार्डन

उमेद सिंह को बचपन से ही खेती-बाड़ी में बागवानी का शौक है हालांकि उन्होंने सन 2008 में विकास नगर स्थित अपने मकान की छत पर बागवानी शुरू की थी। उमेद सिंह ने न केवल अपने परिवार बल्कि, पड़ोसियों तक की भी सब्जियों की जरूरत पूरी की। तीन मंजिला मकान की तीनों छत सब्जियों और फलों के पौधों से लबालब भरी है। किचन वेस्ट का इससे बेहतर उपयोग शायद ही आपको कहीं देखने को मिले। यही वजह है कि इनकी छत पर ऊगे पौधों पर 720 ग्राम से भी ज्यादा बढ़ा टमाटर सुर्खियां बटोर रहा है। इसी छत पर 7 किलो वजन की बंद गोभी भी पैदा हो  चुकी है।

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घर के कचरे से ही खाद तैयार

वह रसोई का कचरा कभी बाहर नहीं फेकते हैं। इस कचरे को एकत्रित कर ड्रम में डाल देते हैं। सब्जियों के व पौधों के जुड़े हुए पत्ते व अन्य कचरे को साफ कर ड्रम में डाल दिया जाता है इस कचरे में वेस्ट डिकम्पोजर डाल दी जाती है। इससे कचरा एक बेहतरीन खाद में बदल जाता है।

लोहे के ड्रम और गमलों में खेती

स्टोन क्रेशर चलाने वाले उमेद सिंह ने बताया कि फिलहाल वो घर की छत पर लोहे के ड्रम और गमलों में खेती कर सब्जियां तथा फल उगा रहे है। उन्होंने बताया कि करीब छः दर्जन से अधिक लोहे के ड्रम तथा 100 गमलों में अलग- अलग प्रकार की सब्जियां, फल तथा पौधे उगा रखे हैं।

किचन गार्डन में 720 ग्राम का जंबो टमाटर

उमेद सिंह घर के किचन गार्डन में शौकिया सब्जियां उगाते हैं। उनके पास फिलहाल टमाटर के करीब 10 वैरायटी है। जिनमें से जंबो टमाटर आमतौर पर 700 से 800 ग्राम तक भी हो रहे हैं। इसके अलावा येलो, चेरी सहित अलग-अलग आकार के टमाटर किचन गार्डन में उगा रहे हैं। विदेश से उनके मित्र तोहफे में सब्जियों के बीज लाते हैं और फिर यह उनसे और बीज बनाकर पौधे बनाते हैं और उन्हें अपने दोस्तों को भेट करते हैं।

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सुबह शाम को एक घंटा मेहनत

घर में ही टमाटर व विभिन्न प्रकार की देशी-विदेशी किस्मों पर अनुसंधान करने वाले उमेद सिंह से पूछा गया कि इन सभी कार्यों के लिए व्यस्त होते हुए भी कैसे समय निकलता है। तो उन्होंने कहा कि सुबह 2:30 घंटे एवं शाम को एक घंटा वह अपने लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए लगाते हैं। पत्नी ललिता सिंह का रचनात्मक सहयोग रहता है। मेरे अधूरे काम दिन भर में पूरा कर देती है।

गार्डनिंग एंड ग्रीन्स क्लब के सदस्य हैं। इस क्लब में करीब 250 सदस्य हैं जो बागवानी को लेकर अपने अनुभव आपस में बांटते हैं इससे उन्हें अधिक जानकारी आसानी से उपलब्ध हो जाती है। उन्होंने कहा कि जो किस्म उनकी कसौटी पर खरी उतरेगी। उसे अपने खेत में उगाकर बाजार में उतारेंगे। उन्होंने कहा कि टमाटर व विदेशी सब्जियों की किस्में अधिकांश ऑर्गेनिक होती है, इसलिए उनका स्वाद एवं बेहतर होती है।

गर्मियों में मकान रहता है ठंडा

उमेद सिंह ने बताया कि छत पर खेती करने से एक तरफ जहां परिवार के लोगों को बिना किसी रसायन के प्रयोग वाली सब्जियां खाने को मिल रही है तो वहीं दूसरी तरफ छत पर होने वाली हरियाली से गर्मियों में घरअन्य घरों की तुलना में ठंडा रहता है। मई- जून माह में भी उन्हें ऐसी चलाने की नौबत नहीं आती है तथा जो भी लोग गर्मी के मौसम में उनके घर आते हैं कहते हैं घर ठंडा है।

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उमेद सिंह का कहना

किचन गार्डन के कई फायदे हैं। एक तो आप घर पर ही बिना खाद व रसायन की सब्जी खा सकते हैं, दूसरा समय व्यतीत करने का यह सबसे बढ़िया उपाय है। बीज से पौधे बनते देखना और उसके फल खाना एक अलग ही सुकून देने वाला क्रियकलाप हैं। दो गमले में लगाए टमाटर के पौधे पूरे परिवार के लिए कई महीनों तक टमाटर दे सकते हैं।

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