जैविक खेती

जीवाणु खाद/कल्चर का जैविक खेती में प्रयोग

जीवाणु खाद
Written by Bheru Lal Gaderi

धरती के ऊपर हवा में उपलब्ध तत्वीय नत्रजन को पौधे सीधे नहीं लें सकते जीवाणु खाद का उपयोग करके यह नत्रजन पौधों को उपलब्ध हो सकती है। जीवाणु खाद सूक्ष्म जीवाणु युक्त टीका है जिसमें सहजीवी सूक्ष्म जीवाणु राइजोबियम / स्वतंत्र सूक्ष्म जीवाणु एजोटोबेक्टर या शैवाल होते हैं सूक्ष्म जीवाणु हवा में मौजूद नत्रजन को पौधों को उपलब्ध करवाने में सहायक होते हैं।

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दो प्रकार की जीवाणु खाद उपलब्ध हैं:-

नत्रजन जीवाणु खाद:-

(अ) दाल वाली फसलों के लिये…… राईजोबियम
(ब) बिना दाल वाली फसलों के लिये.. एजोटोबैक्टर/ एजोस्पीरीलियम

फॉस्फोरस जीवाणु खाद:-

फास्फेट विलयशील जीवाणु (पी.एस.बी.) दाल वाली फसलों की जड़ों में गांठे राइजोबियम द्वारा ही बनायी जाती हैं और नत्रजन का स्थिरीकरण किया जाता है।

जबकि ऐजेटोबैक्टर एवं एजोस्पीरीलियम पौधों के बिना सहयोग से ही इस क्रिया को करते है।

भूमि में दिया गया या उपलब्ध फॉस्फोरस पौधों को पूरी तरह उपलब्ध नहीं हो पाता इसके लिये फॉस्फोरस घोलक बैक्टीरिया (पी.एस.बी.) का उपयोग किया जाता है।

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प्रयोग कैसे करें?

सामग्री:-

  1. कल्चर पैकेट 3 (600 ग्राम) एक हैक्टर बीज के लिये
  2. पानी 1 से 2 लीटर
  3. गुड़ 200 से 300 ग्राम

दलहनी फसलों के लिये राईजोबियम, अनाज वाली फसलों के लिये एजोटोबैक्टर तथा जिन फसलों में फास्फेट खाद की सिफारिश है उसमें पी. ए बी. कल्चर का प्रयोग करें।

1 लीटर गर्म पानी में गुड़ घोलकर ठंडा करें व इसमें कल्चर पैकेट अच्छी तरह मिलायें। तैयार घोल को बीजों पर छिड़ककर हल्क से मिलायें। (जब तक बीजों पर एक समान परत न चढ़ जाये।) उपचारित बीजों को छाया में सुखायें।

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सावधानी:-

1. उपचारित बीजों को छाया में सुखाकर 12 घंटे के अंदर ही बुवाई करें।
2. कल्चर को ठंडी जगह में रखें। गर्मी व ताप से बचायें।
3.अलग-अलग फसल के लिये निर्धारित कल्चर का ही प्रयोग करें।
4. पैकेट पर अंकित उपयोग तारीख पढ़ लेवें। अवधि पार कल्चर का प्रयोग न करें।
5. बीज उपचार यदि कीटनाशी / कवकनाशी / अन्य कल्चर के साथ करना हो तो पहले कवकनाशी फिर कीटनाशी से तथा अंत में कल्चर से उपचार करना चाहिये।

उपलब्धि स्थान:-

पौध व्याधि (राइजोबिया योजना) कृषि विभाग दुर्गापुरा जयपुर, कृषि रसायन व मृदा विज्ञान विभाग, राजस्थान कृषि महाविद्यालय, एम.पी.यू.ए.टी. उदयपुर, नैफेड राजस्थान कृषि उद्योग निगम व जी.एस.एफ. सी. इत्यादि ।

फायदा:-

जीवाणु खाद का वितरण क्रय विक्रय सहकारी समिति / ग्राम सेवा सहकारी समिति व निर्माता के अधिकृत विक्रेता द्वारा किया जाता है। जीवाणु खाद के 3 पैकेट एक हैक्टर के बीजों में मिलाने हेतु पर्याप्त है, जिसके प्रयोग से लगभग 20 किलोग्राम प्रति हैक्टर नत्रजन की बचत होती है व 10-15 प्रतिशत तक उपज बढ़ती है।

जीवाणु खाद सम्बंधित अधिक जानकारी लिए यह वीडियो देखें

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