हॉर्टिकल्चर शब्द लैटिन भाषा के होटर्स जिसका आशय गार्डन है व कल्चर जिसका आशय कल्टीवेशन से है, से मिलकर बना है। अर्थात मोटे तौर पर हॉर्टिकल्चर का आशय गार्डन कल्टीवेशन से हैं। वस्तुतः हॉर्टिकल्चर या बागवानी कृषि विज्ञान की ही एक शाखा है जो कि फलो, फूलो, सब्जियों व सुगंधित पौधों, प्लांटेशन फसलों, मसालों, सजावटी पौधों इत्यादि के उत्पादन व संवर्धन से संबंधित है।
भारत की अर्थव्यवस्था में कृषि महत्वपूर्ण स्थान रखती है। कृषि बागवानी वर्तमान में काफी महत्वपूर्ण बनती जा रही है। वश्व भर में भारत आम, पपीते, नारियल, अनार, अंगूर इत्यादि जैसे फलों व मसालों के उत्पादन एवं निर्यात की दृष्टि से अग्रणी देशों में से हैं। हॉर्टिकल्चर सेक्टर का हमारी राष्ट्रीय इकोनॉमी में करीब 4% एग्रीकल्चर जीडीपी में करीब 20% योगदान हैं। इस क्षेत्र में व्यक्ति स्वयं की आर्थिक उन्नति के साथ-साथ राज्य तथा देश की भी आर्थिक उन्नति में अपना योगदान दे सकता हैं।
बागवानी उत्पादों का उत्पादन आहार सुरक्षा एवं रोजगार की संभावना को भी बढ़ाता है। आज नई-नई तकनीकों के समावेश से बागवानी के क्षेत्र में आये व्यवसायीकरण के कारण सरकारी, अर्द्धसरकारी क्षेत्रों के अलावा निजी नियोजकों के यहां रोजगार की व्यापक संभावनाएं हो गई है। जहां एक और विभिन्न सरकारी एवं निजी संस्थाओ में वेतन से व्यक्ति नियमित आय ले सकता है, वहीं दूसरी ओर इस क्षेत्र में उद्योग भी आकर्षक लाभ दे सकता है।
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पात्रता:-
एक हॉर्टिकल्चरिस्ट का कार्य मुख्यतः फलों, फूलों, सब्जियों, मसालों, सजावटी व औषधीय गुण वाले पौधों इत्यादि के प्रजनन, उत्पादन, स्टोरेज, प्रोसेसिंग इत्यादि से संबंधित होता है। प्रकृति के प्रति नैसर्गिक रुझान के अतिरिक्त यदि आप वैज्ञानिक दृष्टिकोण वाले हैं व साथ ही नित नई तकनीकों से स्वयं को अद्यतन रख सकते हैं तो निश्चय ही यह क्षेत्र आपके लिए उपयुक्त हैं। किस भी इच्छुक व्यक्ति के लिए इस क्षेत्र में विभिन्न राज्य कृषि विश्वविद्यालयों में आशाजनक कोटिपूर्ण शिक्षा के अवसर उपलब्ध है। बागवानी में स्नातक डिग्री (बीएससी) हेतु उम्मीदवार भौतिकी, रसायन विज्ञान एवं जीव विज्ञान विषयों के साथ 10 +2 कक्षा उत्तीर्ण होना चाहिए।
रोजगार के अवसर:-
बागवानी का क्षेत्र रोजगार की दृष्टि से काफी संभावनाओं से पूर्ण है। इस क्षेत्र में मिलने वाले ज्यादातर जॉब्स आपके ज्ञान व आपको प्राप्त ट्रेनिंग के स्तर पर निर्भर करते हैं। ट्रेनिंग का स्तर वोकेशनल भी हो सकता है अथवा स्कूल/कॉलेज स्तर का भी। कॉलेज स्तर पर प्राप्त शिक्षा से मुख्यतः सुपरवाइजरी या मैनेजरियल प्रकार के जॉब्स प्राप्त किए जा सकते हैं जबकि P.G. व डॉक्टरेट की डिग्री से अनुसंधान व टीचिंग के क्षेत्र में रोजगार प्राप्त किया जा सकता है।
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सरकारी/सार्वजनिक क्षेत्र में रोजगार के अवसर:-
- सिविल सर्विस (IAS/IFS& Allied) -संघ लोक सेवा आयोग द्वारा परीक्षा आयोजित कराई जाती है।
पात्रता – B.Sc. Ag/ B.Sc. Horticulture (अन्य शर्तों के अलावा)
- वैज्ञानिक:– एग्रीकल्चर साइंटिस्ट रिक्रूटमेंट बोर्ड, ICAR, नई दिल्ली द्वारा परीक्षा आयोजित कराई जाती है।
पात्रता – M.Sc. Ag/ Horticulture या Ph.D. (बागवानी)
- लेक्चरर, सहायक प्रोफेसर, ट्रेनिंग एसोसिएट के रूप में विश्वविद्यालय एवं कॉलेजों में रोजगार के अवसर विद्यमान है।
पात्रता – M.Sc. Ag/ Horticulture के साथ-साथ नेट की परीक्षा उत्तीर्ण अथवा पी.एच.डी. (बागवानी)
- कृषि अधिकारी/बागवानी अधिकारी – राज्य लोक सेवा आयोग द्वारा परीक्षा आयोजित कराई जाती है।
पात्रता – कृषि/ बागवानी में स्नातक
- ICAR, DRDO.IARI. & CSIR व कृषि बागवानी में कृषि विश्वविद्यालयों में तकनीकी सहायक/तकनीकी अधिकारी के रूप में रोजगार ।
पात्रता -स्नातक (बागवानी)
- हॉर्टिकल्चर इंस्पेक्टर/मार्केटिंग इंस्पेक्टर
पात्रता -स्नातक (बागवानी)
- कृषि विज्ञान केंद्रों (KVK) में तकनीकी सहायक
पात्रता – स्नातक
- फार्म सुपरवाइजर
पात्रता – स्नातक (बागवनी)
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प्राइवेट क्षेत्र में रोजगार के अवसर:-
बागवानी विद/हॉर्टीकल्चर ऑफिसर/ लैंडस्केप सुपरवाइजर के रूप में फार्म हाउस, होटल, गोल्फ कॉमर्स, इंडस्ट्रीज, कंस्ट्रक्शन कम्पनीज में रोजगार के अवसर मौजूद हैं।
पेस्टिसाइड व इंसेक्टिसाइड कंपनियों में मार्केटिंग जॉब्स प्राप्त की जा सकती है।
बागवानी के क्षेत्र में स्वरोजगार:-
बागवानी सलाहकार के रूप में उद्यान इत्यादि पर सलाह देने, डिजाइन, मूल्यांकन, पर्यवेक्षण का कार्य कर सकते हैं। फल, फूल, सब्जी, सजावटी पौधों की व्यवसायिक नर्सरी चला सकते हैं। सब्जियों/ पुष्प फसलों के बीज उत्पादक, फ्लोरल डेकोरेटर/ फ्लोरिस्ट शॉप, बागवानी सेवा कॉन्ट्रैक्टर, मशरूम उत्पादन, बीज डीलर/मर्चेंट, प्रोपराइटर कोल्ड स्टोरेज, बागवानी के प्रसंस्करण कार्य इत्यादि के रूप में रोजगार के अवसर विद्यमान हैं।
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बागवानी से संबंधित प्रमुख शैक्षणिक संस्थान:-
- केरल कृषि विश्वविद्यालय, केरल।
- महात्मा फुले कृषि विद्यापीठ, राहुरी, महाराष्ट्र।
- विधान चंद्र कृषि विश्वविद्यालय, बंगाल।
- गोविंद वल्ल्भ पंत कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, पंतनगर, उत्तर प्रदेश।
- सरदार वल्लभभाई पटेल कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, उत्तर प्रदेश।
- पंजाब कृषि विश्वविद्यालय, लुधियाना, पंजाब।
- तमिलनाडु कृषि विश्वविद्ध्यालय, कोयंबटूर, तमिलनाडु।
- कृषि विज्ञान विश्वविद्यालय, कर्नाटक।
- महाराणा प्रताप कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, उदयपुर (राज.)
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