मछली पालन हेतु निजी जमीन पर तालाब का निर्माण:-
निजी जमीन पर मछली पालन (Fish Farming) के लिए तालाब निर्माण मय जलमार्ग, द्वार निर्माण, जल व्यवस्था हेतु निर्माण एवं फीड भंडारण हेतु निर्माण के लिए रु. 7.00 लाख इकाई लागत पर प्रति हेक्टेयर 50% अधिकतम रु. 3.50 लाख की सीमा के अनुदान देय हैं।
पुराने जलाशय का जीर्णोद्धार/मेड़ की मरम्मत एवं जल निष्कासन निर्माण या मरम्मत:-
मत्स्य कृषकों के पुराने जलाशयों के जीर्णोद्धार हेतु प्रति हकेतेयर रु. 3.50 लाख इकाई लागत अधिकतम रु. 1.75 लाख की सीमा में अनुदान देय हैं।
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मछली पालन पर पहले वर्ष होने वाले खर्च:-
मत्स्य कृषकों को नये तालाब निर्माण/जीर्णोद्धार तालाब/तालाब/पोखर में मछली पालन हेतु पहले वर्ष में उत्पादन रूप में मत्स्य बीज, फीड आदि क्रय हेतु प्रति हेक्टेयर इकाई लागत रु. 1.50 लाख पर 50% अधिकतम रु. 0.75 लाख की सीमा में अनुदान देय हैं।
मत्स्य बीज हेचरी की स्थापना:-
निजी क्षेत्र में 2 हेक्टेयर में 10 मिलियन फ्राई मत्स्य बीज उत्पादन क्षमता की भारतीय मेजर कार्प मत्स्य बीज हेचरी निर्माण हेतु इकाई लागत रु. 25.00 लाख पर 50% अनुदान के रूप में रु. 12.50 लाख की सीमा तक अनुदान राशि देय हैं।
मछली पकड़ने के साजो सामान के क्रय हेतु:-
नाव, मछली के जल, मछली व बर्फ रखने के बॉक्स अदि के क्रय हेतु रु. 1.00 लाख की इकाई दर का 50% रु. 50,000/- की सीमा तक अनुदान देय हैं।
फिश फीड इकाई की स्थापना:-
निजी क्षेत्र में 1 से 5 क्विंटल प्रतिदिन उत्पादन क्षमता वाली फिश फीड इकाई की स्थापना के लिए इकाई लागत रु. 10.00 लाख पर 50% अनुदान के रूप में रु. 5.00 लाख की सीमा तक अनुदान राशि देय हैं। मत्स्य निकासी पश्चात् रख रखाव एवं परिवहन के लिए मत्स्य आधारित संरचना का विकास
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मत्स्य लेंडिंग सेंटर का निर्माण:-
- मत्स्य लेंडिंग सेंटर के निर्माण या मत्स्य लेंडिंग सेंटर के पुनरुद्धान हेतु वास्तविक अनुमोदित दर की 50% राशि भारत सरकार द्वारा अनुदान राशि देय हैं।
- आइस प्लांट/कोल्ड स्टोरेज के निर्माण हेतु रु. 2.50 लाख प्रति टन की इकाई लागत का 50% राशि अधिकतम रु. 50.00 लाख की सीमा तक अनुदान राशि देय हैं।
- आइस पलांट/ कोल्ड स्टोरेज के पुनरुद्धान के लिए रु. 1.50 लाख प्रति टन की इकाई दर से 50% राशि अधिकतम रु. 30.00 लाख प्रति प्लांट की सीमा तक अनुदान देय हैं।
खुदरा मछली बाजार एवं संशोधनों के विकास (सामूहिक कोल्ड स्टोरेज, अपशिष्ट संग्रहण एवं निष्कासन इकाई, मत्स्य की सफाई एवं कटाई की जगह एवं मत्स्य नीलामी की जगह, पानी एवं बिजली की व्यवस्था सहित) के लिए 10 खुदरा दुकानों की इकाई हेतु रु. 100.00 लाख, 20 खुदरा दुकानों की इकाई हेतु रु. 200.000 लाख व 50 खुदरा दुकानों की इकाई हेतु रु. 500.00 लाख की इकाई दर पर 50% राशि अधिकतम 10 खुदरा दुकानों की इकाई हेतु रु. 50.00 लाख, 20 खुदरा दुकानों की इकाई हेतु रु. 100.00 लाख व 50 खुदरा दुकानों की इकाई हेतु रु. 250.00 लाख अनुदान राशि देय हैं।
मोबाईल/खुदरा मछली विक्रय केंद्र, कियोस्क की स्थापना:-
(मत्स्य सग्रहण/ प्र्दशन हेतु कक्ष, कूलर तोलने की मशीन एवं मछली कटिंग एवं सफाई व्यवस्था हेतु बर्तन एवं सामान सहित) वास्तविक प्रति इकाई रु. 10.00 लाख की इकाई पर 50% अधिकतम रु. 5.00 लाख की सीमा तक अनुदान राशि देय हैं।
10 टन क्षमता वाले प्रशीतित ट्रक क्रय हेतु:-
वास्तविक रु. 25.00 लाख की 1 यूनिट दर का 50% अधिकतम रु. 12.50 लाख प्रति ट्रक अनुदान राशि देय हैं।
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10 टन क्षमता वाले इन्स्युलेटेड ट्रक क्रय हेतु:-
वास्तविक रु. 20.00 लाख प्रति ट्रक की इकाई दर का 50% अधिकतम रु. 10.00 लाख प्रति ट्रक अनुदान राशि देय हैं।
6 टन क्षमता वाले इन्स्युलेटेड ट्रक क्रय हेतु:-
वास्तविक रु. 15.00 लाख प्रति ट्रक की इकाई दर का 50% अधिकतम रु. 7.50 लाख प्रति ट्रक अनुदान राशि देय हैं।
ऑटोरिक्शा आइस बॉक्स सहित क्रय हेतु:-
वास्तविक रु. 2.00 लाख इकाई दर का 50% अधिकतम रु. 1.00 लाख इकाई अनुदान राशि देय हैं।
मोटर साईकिल आइस बॉक्स सहित क्रय हेतु:-
वास्तविक रु. 0.60 लाख इकाई दर का 50% अधिकतम रु. 0.30 लाख प्रति इकाई अनुदान राशि देय हैं।
साईकिल आइस बॉक्स सहित क्रय हेतु:-
वास्तविक रु.3000/- प्रति साईकिल इकाई दर 50% अधिकतम रु. 1500/- प्रति साईकिल अनुदान राशि देय हैं।
मछुआरा कल्याण कार्यक्रम के अंतर्गत सहायता सेविंग कम रिलीफ:-
इस कार्यक्रम में अंतर्गत मत्स्याखेट अवधि में मत्स्य सहकारी समितियों के गरीबी रेखा से निचे जीवन यापन करने वाले सक्रिय मच्छारा सदस्यों को निषेध ऋतू के दौरान 1500 रूपये प्रति माह की दर से तीन माह तक वित्तीय सहायता उपलब्ध कराई जाती हैं।
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आदर्श मछुआरा ग्राम का विकास:-
राज्य में भूमिहीन, कच्चे मकान में निवास करने वाले एवं गरीबी रेखा के निचे जीवन यापन करनेवाले सक्रिय मछुआरों के नये आवास हेतु कम से कम 20 आवास के समूह को रु. 1.20 लाख प्रति मकान की इकाई दर मकान निर्माण हेतु अनुदान उपलब्ध करवाया जाता हैं।
मछुआरों को सामूहिक दुर्घटना बीमा:-
मछुआरों के कल्याण के अंतर्गत सक्रिय मछुआरों का सामूहिक दुर्घटना बीमा करवाया जाता हैं। बीमित मछुआरों की दुर्घटना में मृत्यु अथवा पूर्ण स्थाई विकलांगता होने पर रु. 2 लाख तथा आंशिक स्थाई विकलांगता पर रु. 1 लाख एवं अस्पताल में भर्ती होने पर रु. 10.000/- की राशि देय होती हैं।
केज कल्चर हेतु अनुदान:-
जलाशयों एवं अन्य जल स्त्रोतों में केज/पेन माय इनपुट लगाने हेतु रु. 3.00 लाख प्रति केज के इकाई दर का 50% रु. 1.50 लाख की सीमा तक अनुदान देय हैं।
प्रशिक्षण एवं कौशल विकास:-
मत्स्य कृषकों के कौशल विकास हेतु 50 परशिकनार्थियों के दल को प्रशिक्षण दिया जाता हैं।
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