करत करत अभ्यास के, जड़मति होत सुजान। किसान मोहनलाल भी यही कर रहे है। मीठा सफर सालाना 6 लाख रूपए की आय देने लगा है। गौरतलब है, कि मोहनलाल ने 10 बॉक्सों के साथ मधुमक्खी पालन (beekeeping} का कार्य शुरू किया था। लेकिन, अब इनके पास 150 मधुमक्खी के बक्से हो चले है। वहीं, आंवला और सब्जी फसले भी समृद्धि बढ़ा रही है। किसान मोहन ने बताया कि पहले गुजरात में हीरा घिसाई का काम करता था।
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मेहनत से बदली तकदीर:-
भदेसर, चित्तौडगुढ़। मेहनत से तकदीर को बदला जा सकता है। ऐसा ही कुछ कर दिखाया है, किसान मोहनलाल खटीक ने यह किसान जमीन के भरोसे बैठा रहता तो समृद्धि का सफर तय करना काफी संघर्ष भरा हो सकता था। परिवार की आर्थिक स्थिति को समान्य बनाने के लिए मोहन ने दशक से ज्यादा समय तक हिरा घिसाई काम किया।
मधु से बदला मोहन:-
उसके बाद मधुमक्खी पालन को अपनाया। इससे दिन ही नहीं, साल भी अच्छे हो गए। किसान मोहन ने बताया कि 12वीं तक पढ़ने के बाद काम की तलाश में गुजरात चला गया। यहां 12-13 साल 4 हजार रूपए पगार पर हिरा घिसाई का काम किया। इसके बाद मुंबई का रूख कर लिया। लेकिन, यहाँ से दो माह बाद ही वापिस लौट आया।
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10 बक्सों से शुरुआत:-
गांव लौटकर खेती किसानी में जुड़ गया। इसी दौरान एक साथी किसान को मधुमक्खी पालन से अच्छी आय लेते देखकर मैंने भी 10 बक्सों के साथ मधुमक्खी पालन का कार्य शुरू किया शुरूआत में 50 किलो शहद का उत्पादन मिला। लेकिन, बचत का आंकड़ा ज्यादा रास नहीं आया। इसको देखते हुए बक्सों की संख्या बढ़ाकर 50 कर दी। इससे सालाना एक लाख रुपए की आय मिलने लगी।
बाद में कृषि विज्ञान केन्द्र चितौडगढ़ के वैज्ञानिकों का भी सहयोग हो गया। इससे मधुमक्खीपालन से जुड़ी तकनिकी जानकारी का अभाव भी दूर हो गया। उन्होंने बताया कि वर्तमान में पास 150 मधुमक्खी के बक्सें है। वहाँ उत्पादित शहद की बिक्री 300 रूपए प्रति किलों की दर से कर रहा हूँ। इससे खर्च निकालने के बाद सालाना 6 लाख रूपए आय मिलने लगी है।
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आंवला- सब्जी से आय:-
उन्होंने बताया कि मेरे पास 4 बीघा जमीन है। मधुमक्खी पालन से जुड़ने के बाद एक बीघा क्षेत्र में आंवले का बगीचा लगाया है। वहीं, एक बीघा क्षेत्र में सब्जी फसलों का उत्पादन ले रहा है। इस तरह से 70-80 हजार रूपए की आय का जुगाड़ हो गया है। उन्होने बताया की फसलों में मिर्च, गोभी, भिड़ी, लोकी फसलों का उत्पादन लेता हूँ। वही, परिवार की आपूर्ति के लिए खाद्यान फसलों का अपादन ले रहा हूँ।
पशुधन से आय:-
उन्होने बताया की मेरे पास तीन गाय है। जिनसे प्रतिदिन 8 लीटर दुग्ध का उत्पादन हो जाता है। दुध की की बिक्री 50 रूपए प्रति लीटर की दर से हो जाती है जिससे प्रतिक्ति 300 रुपए की आय हो जाती है। उन्होंने बताया की पशु अपशिष्ट से अब वर्मीकपोस्ट बनाते है।
किसान – मोहन लाल खटीक
मो. 9610752309
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