किसान भाइयों नमस्कार आपने अमरूद की काफी सारी वैरायटीयों के बारे में सुना होगा। लेकिन आज कि इस पोस्ट में हम बात करने वाले हैं अमरूद की सबसे लेटेस्ट वैरायटी रेड डायमंड अमरुद के बारे में, कि किसान भाई इसकी खेती किस तरीके से कर सकते हैं तथा कितना मुनाफा कमाया जा सकता है।
रेड डायमंड अमरुद की विशेषताएं :-
- इसका छिलका ग्रीन कलर का होता है, जबकि गुद्दे का रंग सुर्ख लाल (रेड फलेश) होता हैं।
- इसमें 2 प्रकार का स्वाद आता हैं, फल के ऊपरी भाग में नाशपाती का स्वाद एवं बिच के भाग में अमरुद का स्वाद आता हैं।
- दूसरे अमरुद जैसे VNR अमरुद, थाई अमरुद की तुलना में ज्यादा मीठा होता हैं, एवं बीज रहित (मात्र 5-6 बीज) होता हैं।
- सही तरीके से बेगिंग करने पर फल की सेल्फ लाइफ 10- 12 दिन तक होती हैं। यानी की दूर-दराज के बाजार फल भेजने पर भी ख़राब नहीं होता हैं।
- फल साइज में बड़ा होता हैं जिसका वजन 400 ग्राम से 700 तक होता हैं।
- साथ ही इसके पौधे मे रोग प्रतिरोधक क्षमता अधिक होने से मौसमी बिमारीयो का प्रभाव भी इस पर नाम मात्र का ही रहता है।
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जलवायु एवं मिट्टी:-
इसकी खेती उन सभी इलाकों एवं भूमियों में की जा सकती है जहां पहले से अमरूद की अन्य किस्मों की खेती हो रही है या फिर अमरूद की खेती की जा सकती है।
पौधे लगाने की दुरी एवं विधि:-
दिसंबर और जनवरी का महीना छोड़कर कभी भी साल भर लगा सकते हैं, इसके पौधे लगाने के लिए जो दूरी रखी जाती है वह 8 x 10 फिट होती है। गड्ढे खोदकर गड्ढों में वर्मी कंपोस्ट एवं दूसरी खाद डालकर इसके पौधे लगा दिए जाते हैं।
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बीमारियां:-
अमरूद की इस वैरायटी में रोग प्रतिरोधक क्षमता काफी अच्छी होती है, लेकिन एक विशेष बात का ध्यान रखना होगा कि जब पौधे खेत में लगाए जाए तो पौधे नीमेटोड फ्री हो अन्यथा आने वाले समय में फसल में नुकसान हो सकता है।
उत्पादन:-
रेड डायमंड अमरुद को खेत में लगाने के 1 साल बाद ही उत्पादन शुरू हो जाता है, पहली बार में उत्पादन 5 से 6 किलोग्राम प्रति पौधा एवं दूसरे साल से निरंतर 40 से 50 किलोग्राम प्रति पौधा उत्पादन मिलता है। एवं इस किस्म से साल में 2 बार उत्पादन ले सकते हैं।
भाव:-
रेड डायमंड का अधिकतम भाव 140 रू किलो तक रहता है और कम से कम यह 80 रूकिलो तक तो बिक ही जाता है।