लम्पी वायरस (Lampi Virus) बाड़मेर से होते हुए अब पश्चिमी क्षेत्र के 11 जिलों में फैल चुकी है। जैसलमेर में अब तक एक हजार पशुओं की मौत हो चुकी, जबकि श्रीगंगानगर में 14लम्पी वायरस बाड़मेर से होते हुए अब पश्चिमी क्षेत्र के 11 जिलों में फैल चुकी है। जैसलमेर में अब तक एक हजार पशुओं की मौत हो चुकी, जबकि श्रीगंगानगर में 14 हजार से अधिक गोवंश संक्रमित हैं। यहां 500 से अधिक मौतें हो चुकीं। इधर, पशुपालन विभाग के पास मौतों का आधिकारिक आंकड़ा तो नहीं है, लेकिन अतिरिक्त निदेशक (स्वास्थ्य) एनएम सिंह ने बताया कि अब तक 2100 से ज्यादा गोवंश की मृत्यु हुई।
प्रभावित जिलों में पड़ताल की तो 51 हजार से अधिक पशुओं में संक्रमण फैल चुका है, 4 हजार से अधिक मौतें हुई। केंद्र भी इसे लेकर मंगलवार को टीम भेज रहा है। राज्य पशुपालन विभाग के अफसरों का कहना है कि कंट्रोल रूम स्थापित करेंगे। हर जिले को आपातकालीन दवा के लिए एक-एक लाख रु. जारी कर चुके ।
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केंद्र ने कहा- गोटा पॉक्स का टीका लगाएं, इससे बीमारी फैलेगी नहीं
लम्पी बीमारी का अब तक टीका नहीं बना है। आईवीआरआई इसकी वैक्सीन पर काम कर रही है, लेकिन यह बीमारी संक्रमित गायों से दूसरी स्वस्थ गायों में नहीं फैले इसके लिए बकरियों में पाए जाने वाले गोटा पॉक्स की वैक्सीन लगाई जाएगी। पशुपालन विभाग के अतिरिक्त निदेशक (मॉनिटरिंग) आनंद सेजरा ने बताया कि गोटा पॉक्स की वैक्सीन लगाने के लिए केंद्र सरकार ने गाइडलाइन जारी कर दी है। इसमें बीमार गाय के आस-पास जो स्वस्थ पशु हैं, उन्हें ये वैक्सीन लगाई जा सकती है ताकि संक्रमण उनमें न फैले। “जिन गायों में संक्रमण फैल चुका है उनका इलाज तो एंटीबायोटिक और विटामिन के जरिए ही किया जा सकता है।” सेजरा ने बताया कि पशुपालन विभाग ने भी जिला पशु चिकित्सा केंद्रों को वैक्सीन खरीद के लिए बजट जारी कर दिया है। जरूरत के अनुसार यह वैक्सीन खरीद कर लगाई जाएगी।
गो-सेस के नाम पर तीन हजार करोड़ से ज्यादा फंड, युद्ध स्तर पर प्रयास हों:-
प्रदेश में गो संरक्षण के लिए प्रदेश सरकार स्टॉप और शराब दोनों पर सेस वसूल रही है। 2015 से अब तक इस सेस के जरिए 3121 करोड़ रु. से ज्यादा का फंड जुटाया गया, लेकिन इसमें से 2137 करोड़ रुपए ही खर्च किए गए हैं। इसमें नंदीशाला जन सहभागिता योजनान्तर्गत 4.95 करोड़ की राशि का आवंटन किया गया है। इधर प्रदेश में संक्रामक बीमारी से हर रोज सैकड़ों गायें इलाज के अभाव में दम तोड़ रही हैं।
खुले में फेंक रहे गोवंश:-
गुजरात से आया लम्पी वायरस पहले बाड़मेर पहुंचा। रोकथाम नहीं हुई, इसलिए मर्ज फैलता रहा। प्रदेश में अब तक 4,000 नागौर से अधिक गोवंश की मौत हो चुकी है, लेकिन प्रशासन रोकथाम की बजाय मर्ज फैलाने में लगा है। नागौर व जोधपुर में लगी बीमारी से मृत कई गोवंश को सड़क किनारे या डम्पिंग यार्ड में खुले में फेंका जा रहा है। इससे संक्रमण फैलने व्यास का खतरा बढ़ गया है।
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संक्रमण के आकड़े:-
जिला | संक्रमण | मौतें |
जैसलमेर | 6559 | 1000 |
बाड़मेर | 9222 | 662 |
नागौर | 9000 | 400 |
हनुमानगढ़ | 1389 | 36 |
श्रीगंगानगर | 14000 | 514 |
अजमेर | 1000 | 250 |
कोटा | 2 | – |
पाली | 95 | 12 |
सिरोही | 72 | – |
जालोर | 2000 | 500 |
जोधपुर | 8143 | 600 |
साभार- दैनिक भास्कर
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