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लहसुन मूल्य संवर्धन से रोजगार और लाभ

लहसुन मूल्य संवर्धन
Written by Vijay Gaderi

भारतीय कृषि उत्पादों से निर्मित उत्पादनों/लहसुन की मांग विदेशों में बढ़ती जा रही है। लहसुन उत्पादनों का मूल्य संवर्धन (Garlic Products) के द्वारा अधिक आय अर्जित की जा सकती है एवं रोजगार के नए अवसर पैदा किए जा सकते हैं।

लहसुन मूल्य संवर्धन

मूल्य संवर्धन का सही मतलब कृषि उत्पादों/लहसुन का गुणात्मक व मात्रा की उपलब्धता में वृद्धि करना है। फसल लगाने से कटाई व बाजार में बेचने तक उसका मूल्य बढ़ाना ही उसका मूल्य संवर्धन है। कृषि उत्पादनों/लहसुन से ऐसे उत्पाद तैयार करना जो पोषक तत्व अन्य आवश्यकता का पूरा कर सके।

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मूल्य संवर्धन का अर्थ:-

  • लहसुन लगाने से कटाई भंडारण तक उसकी प्रसंस्करण इस तरह से करना कि उत्पादनों से गुणात्मक पद्धति को बनाए रख कर लाभ अर्जित किया जा सके।
  • मूल्य संवर्धन उत्पाद बनाने का मुख्य उद्देश्य लहसुन पर परिवहन भार घटाना, भंडारण अवधि बढ़ाना तथा उत्पादों के निर्यात द्वारा विदेशी मुद्रा अर्जित करना।
  • स्वाद बढ़ाने के काम में लिया जाता है तथा यह भोजन को जायकेदार व लजीज बना देता है। मांसाहारी और शाकाहारी दोनों वर्ग इसका भरपूर उपयोग करते हैं।
  • हर क्षेत्र में उत्पादों की उपलब्धता बढ़ाकर विपरीत परिस्थितियों में लहसुन उत्पादन से अधिक आय प्राप्त करना।
  • संभव बचत करने हेतु लहसुन को सुखाकर उसके लक्ष्य प्लेक्स तथा पाउडर का उपयोग भी आजकल चलन में है, बाजार उपलब्ध की भिन्न तरह से मसाला मिक्स में लहसुन का पाउडर मिलाया जाता है। प्रसंस्करण के तरीके अपनाकर उनके उपयोग उत्पाद तैयार करना जैसे: लहसुन पाउडर, लहसुन तेल, लहसुन पेस्ट चटनी, लहसुन अचार, लहसुन वटी, लहसुन पाउडर, फ्लेक्स आदि।
  • गुणात्मक वृद्धि करना (जैविक खेती करना) पौष्टिकता बढ़ाना। लहसुन में प्रोटीन, वाष्पीय तेल, खनिज रेशे कार्बोज, कैल्शियम, फास्फोरस, लोहा पाया जाता है। जिससे उसका उपयोग औषधि के रूप में भी किया जाता है। मुख्यतः गठिया,पक्षाघात, कंपनवात, अर्जीण, ह्रदय रोग,क्लोस्ट्रोल नियंत्रण में अत्यंत गुणकारी औषधि है।
  • लघु उद्योग के द्वारा युवाओं के लिए रोजगार के नए अवसर सृजित करना।
  • लघु उद्योग स्थापित कर गांव के बेरोजगार किसानों को रोजगार उपलब्ध कराए जा सकते हैं।
  • बाजार के लिए श्रेणीकरण करना एक भंडारण की सुविधाओं को बढ़ाना।
  • प्रसंस्करण के समय रंग, खुशबू, पैकिंग/पैकेजिंग का मूल्य वृद्धि करना।
  • विशेष जनसमुदाय (बच्चों के लिए वृद्धों के लिए एवं हृदय रोगियों) के लिए उत्पादनों का निर्माण करना।
  • उपयुक्त विज्ञापन एवं संचार के माध्यम अपनाकर उत्पादों का विपणन करना।

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लहसुन प्रसंस्करण में प्रयुक्त मशीने एवं तकनीकियाँ:-

कली पृथक्करण मशीन:-

लहसुन कली पृथक्करण मशीन एक महत्वपूर्ण मशीन है जो लहसुन कंदो/गाठों से कलियों को अलग-अलग करती है। इन अलग हुई कलियों का बुवाई बीज एवं प्रसंस्करण में महत्वपूर्ण उपयोग है। इस मशीन की दक्षता, क्षमता क्रमशः 95-96 प्रतिशत 7 से 8 क्विंटल प्रति घंटा है। जो परंपरागत तरीके से कली पृथक करने के बजाए मशीन द्वारा कली पृथक्करण से कीमत 10% एवं समय 5% लगता है।

कली पिचकाई मशीन:-

इस मशीन का उपयोग प्रसंस्करण कार्य हेतु पृथ्थकीकृत की कलियों को पिचकाना  है। जिससे कि उनको शुष्क यंत्र के समान, सावधानीपूर्वक एवं तेजी से सूखा सकें। इस मशीन की क्षमता 4 से 5 क्विंटल प्रति घंटा है एवं इसकी दक्षता 288 आरपीएम पर 82-87 प्रतिशत है।

कली छिलाई मशीन:-

इस यंत्र द्वारा लहसुन कलियों पर उपस्थित पतली परत को अलग किया जाता है ताकि इनको प्रसंस्करण के दौरान निर्जलीकरण, पिकल चटनी इत्यादि बनाया जा सके।

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सुखाने का यंत्र:-

यह यंत्र पिचकाई गई कलियों को निर्जलीकरण कर उनसे फ्लेक्स बनाने में काम आता है। ताकि उन से अन्य उत्पाद बनाए जा सके।

तापक्रम                     समय

विद्युत मशीन               (50 डि.से. पर)7-8

धुप ताप                    2-3 दिन

पिसाई यंत्र :-

इस यंत्र की सहायता से लहसुन की कलियों को गीली अवस्था जो कि लहसुन पेस्ट या सूखने के बाद बने फ्लेक्स को लहसुन पाउडर व अन्य उत्पाद बनाने के साथ सभी मसालों को पीसने में प्रयुक्त होती है। इस यंत्र को अलग-अलग आकार में जाली अनुसार पिसते हैं।

तोलने की मशीन:-

इस विद्युत चलित यंत्र से उत्पादों को तोलने में प्रयुक्त करते हैं।

पैकिंग मशीन:-

यह मशीन विद्युत चालित होती है। इसकी सहायता से उपरोक्त उत्पादों को वजन के अनुसार थेली में भरने के बाद उनका मुंह बंद करने में काम आती है। इसे थैलियां भरने व सीने में कम समय लगता है तथा शुद्धता भी रहती है।

उपरोक्त सभी यंत्र प्रसंस्करण प्रक्रिया में प्रयुक्त कर लहसुन प्रसंस्करण इकाई स्थापित कर एक लघु उद्योग द्वारा अच्छी आमदनी की जा सकती है। खुदाई के दौरान औसत कीमत 4000 रूपये प्रति क्विंटल एवं निर्जलीकरण उनकी कीमत 40000 रूपये प्रति क्विंटल मानकर निकाले तो इसको बेचने पर 14% लाभ कुल निवेश पूंजी पर 60% लाभ प्राप्त किया जा सकता है। इन संकेतों से साफ जाहिर है कि लहसुन निर्जलीकरण प्रसंस्करण इकाई एवं वित्तीय परियोजना है।

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प्रस्तुति:-

चिरन्जीलाल मीणा,

कृषि विज्ञान केंद्र अन्ता,

जिला- बारा (राज.)

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Vijay Gaderi

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