उन्नत खेती

वनीला की खेती कब और कैसे करें ?

Written by Bheru Lal Gaderi

वनीला को भारत की सबसे महंगी फसलों में गिना जाता है। इसके फलों का आकार कैप्सूल की तरह होता है। इसका इस्तेमाल केक, परफ्यूम और अन्य ब्यूटी प्रोडक्ट्स बनाने में भी किया जाता है।

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भूमि:-

इसकी खेती के लिए भुरभुरी मिट्टी बेहद उपयुक्त मानी जाती है। भूमि का P.H. मान 6.5 से 7.5 के बीच होना आवश्यक है।

बुवाई:-

इसके बीजों की बुवाई दो तरह से की जा सकती है। इसमें पहला तरीका कटिंग और दूसरा बीजीय विधि है। बीज के माध्यम से बुवाई को बहुत ही कम पसंद किया जाता है, क्योंकि वनीला का दाना काफी छोटा होता है, जिससे उसे उगने में अधिक समय लग जाता है। वहीं, बेल के रूप में इसे लगाना काफी अच्छा होता है, किन्तु बेल की कटिंग बिल्कुल स्वस्थ होनी चाहिए।

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40 से 50 हजार रुपये प्रति किलो बिकते हैं, वनीला के बीज:-

वनीला के फूलों को तैयार होने में तकरीबन 9 से 10 महीने का समय लग जाता है। इसके बाद पौधों से बीजों को निकाल लेते हैं। इसके बाद इन बीजों का उपयोग खाद्य पदार्थो का निर्माण करने के लिए इस्तेमाल किया जाता है। फिलहाल, भारत में वनीला के बीज तकरीबन 40 से 50 हजार रुपये प्रति किलो मिल रहा है। ऐसे में अगर बड़े पैमाने पर वनीला की खेती की जाए तो किसान भाई इससे काफी अधिक मुनाफा करोड़पति बन सकते हैं।

स्वास्थ्य के लिए भी फायदेमंद:-

वनीला की बींस में एक वनैलिन नामक सक्रिय रासायनिक तत्व मौजूद होता है, जो मानव शरीर में बैड कोलेस्ट्रॉल के स्तर को कम कर गुड कोलेस्ट्रॉल को बढ़ाने में सहायता प्रदान करता है। इसके अलावा कैंसर जैसे रोगों के भी खिलाफ इसके फल और बीज बेहद प्रभावी माने जाते हैं। साथ ही, पेट को साफ रखने, रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने और जुखाम, बुखार जैसी छोटी बीमारियों को दूर रखने में ये लाभकारी है।

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स्त्रोत:- Agrostar

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