सदाबहार आम: साल भर फलने वाली आम की किस्म - innovativefarmers.in
Innovative Farmers

सदाबहार आम: साल भर फलने वाली आम की किस्म

सदाबहार आम
Written by Vijay Gaderi

सदाबहार आम (Sadabahar Mango) की किस्म जैसा कि नाम से पता चलता है कि यह एक नियमित और निरंतर फल देने वाली किस्म है। यह किस्म राजस्थान के कोटा जिले के गिरधरपुरा गांव के किसान वैज्ञानिक श्रीकिशन सुमन ने चयन विधि के द्वारा विकसित की गई किस्म हैं, जो साल भर खिलती है। फल स्वाद में मीठे होते हैं और इसे बौनी किस्म के रूप में विकसित किया जाता है जो कि किचन गार्डनिंग के लिए उपयुक्त है, और इसे कुछ वर्षों तक गमलों में उगाया जा सकता है।

सदाबहार आम

वर्तमान में उनके पास सदाबहार आम के 22 मदर प्लांट और 300 ग्राफ्टेड आम के पौधे हैं। आम के पेड़ अधिकांश प्रमुख बीमारियों और सामान्य विकारों से प्रतिरक्षित होते हैं। छत्तीसगढ़, दिल्ली और हरियाणा के किसान सदाबहार आम को उगा रहे हैं, और फलों के मीठे स्वाद की सराहना कर रहे हैं।

ऐसे हुई आम की पहचान:-

वर्ष 2000 के दौरान, श्री किशन सुमन ने अपने बगीचे में एक आम के पेड़ की पहचान की, जिसमें अच्छी वृद्धि की प्रवृत्ति थी, गहरे हरे रंग के पत्ते और पेड़ तीन मौसमों में खिलता था। लक्षणों को ध्यान से देखते हुए उन्होंने एक वंशज के रूप में इसका उपयोग करते हुए पांच ग्राफ्टेड आम के पेड़ तैयार किए। इस किस्म को विकसित करने में उन्हें लगभग पंद्रह साल लगे। ग्राफ्ट को संरक्षित करने और तैयार करने पर, उन्होंने देखा कि ग्राफ्ट किए गए पौधे ग्राफ्टिंग के दूसरे वर्ष से फल देने लगे हैं।

Read Also:- सदाबहार की उन्नत खेती एवं उसका औषधीय महत्व

किस्म की मुख्य विशेषताएं:-

  • ‘सदाबहार आम’ नाम की यह प्रजाति देश में अपनी प्रकृति की पहली किस्म है। छोटे यह किस्म सालभर फल देती है।
  • पौधे पर फल आना शुरू हो जाता है।
  • फल गुच्छों में लगते हैं।
  • आम का छिलका गहरे नारंगी रंग का होता है, फल को काटने पर केसरिया रंग का गुद्दा होता है।
  • इसका स्वाद मीठा होता है।
  • पल्प में फाइबर बहुत कम होता है।
  • फल का स्वाद हापुस आम से मिलता है।
  • फल का वजन औसतन 200 से 350 ग्राम तक होता है।
  • उपज प्रति हैक्टेयर 5-6 टन होती हैं।

Read Also:- मशरूम की खेती एवं अत्याधुनिक उत्पादन विधियां

राष्ट्रपति भवन में प्रदर्शन:-

प्रदर्शन मूल्यांकन के उद्देश्य से, NIF ने गांधीनगर के ग्रामभारती में सदाबहार किस्म की रोपाई की है। हाल ही में NIF ने राष्ट्रपति भवन में मुगल गार्डन में सदाबहार किस्म के रोपण की सुविधा भी प्रदान की है।

सम्मान:-

आईसीएआर ने 2016 में जगजीवनराम अभिनव किसान पुरस्कार (2015) से सम्मानित किया। 2018 में पेसिफिक विश्वविद्यालय, उदयपुर व भाकिर्स ने “खेतों के वैज्ञानिक” सम्मान प्रदान किया। 2019 में महिन्द्रा समृद्धि एग्री अवार्ड्स के अन्तर्गत राष्ट्रीय स्तर पर 2 लाख 11 हजार रुपये सम्मान राशि प्रदान की गई। इसी वर्ष इंडियन सोसायटी ऑफ एग्री बिजनेस प्रोफेशनल व ओसीपी फाउंडेशन, मोरक्को ने भी जयपुर में “खेतों के वैज्ञानिक” सम्मान प्रदान किया।

Read Also:- मधुमक्खी पालन से सालाना कमाई 7 लाख

YouTube player

About the author

Vijay Gaderi

2 Comments

Leave a Reply

%d bloggers like this: